बाकी है... by Abhishek Tripathi
मेरी सांसो मे तेरी कुछ साँस बाकी है...
इन आँखों मे तेरे लौट आने की आस बाकी है...
कैसे बयान करु इस दिल की दीवानगी को...
मेरी इस धड़कन मे तेरा एहसास बाकी है....
तुझे इल्म नही इस बात का की तू मेरा रहबर है...
तू ही मेरी चाहत है तू ही मेरा दिलबर है...
तेरे आँखों का जाम पी सकूँ अब वो प्यास बाकी है...
मेरी इस धड़कन में तेरा एहसास बाकी है...
ए खुदा तेरा शुक्रिया तूने मुझे ये एहसास दिया...
इनायत तू सबको देता ह पर मुझे सबसे ख़ास दिया...
तेरी इबादत लिख सकूँ अब भी वो अल्फ़ाज़ बाकी है....
मेरी इस धड़कन में तेरा एहसास बाकी है....
पहले वो रहती थी दिल मे अब उसकी याद रहती है...
मुस्कराए वो हर घड़ी बस ये फरियाद रहती है...
यादों का वो खजाना अब भी मेरे पास बाकी है...
मेरे इस धड़कन मे तेरा एहसास बाकी है....
तेरी हँसी तेरी खुशी तेरी जो मुस्कान है...
वही मेरी ज़िंदगी है वही मेरी जान है ..
इस प्यारी ज़िंदगी मे अब भी कुछ ख़ास बाकी है...
मेरी इस धड़कन मे तेरा एहसास बाकी है