शीशे

शीशे की हस्ती यही है की वो पैमाना  हो जाए
हमारे होटों से जहाँ मेह लग जाए बस
वही मैख़ाना हो जाए
(hover on blue words for what they mean........)
 




  Created by: Vivekanand Joshi
P.S.- I do not advocate the habit of drinking...............

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